Bet Dwarka Full Information in Hindi – बेट द्वारका द्वारका से करीब 35 किमी की दूरी पर आया हुवा एक द्वीप है। बेट द्वारका कृष्ण का निवास था। आवो फ्रेंड्स आज हम बेट द्वारका के बारे में ज्यादा विस्तार से बात करते है।
Bet Dwarka - बेट द्वारका..
पौराणिक महत्व..
द्वारका से करीब 35 किमी दूर आया हुवा चारों और पानी से घिरा हुवा ये एक टापू है । अगर द्वारका जा कर बेट द्वारका न गए तो ये आप की यात्रा को अधूरा बना देता है।
द्वारका राजधानी थी और यहाँ भगवान का निवास था। भगवन अपनी सब रानी के साथ यहीं पर ही रहते थे।यहाँ जाने के लिए ओखा जेटी से जाना पड़ता है।
ये यात्रा बोट से ही करनी पड़ती है जो करीब 5 किमी की होती है।यहाँ पर भगवान कृष्ण का 500 साल पुराना मंदिर है। जिसका पुनः निर्माण श्री वल्लभाचार्यजी ने करवाया था।
ऐसा माना जाता है की यहाँ पर भगवान कृष्ण की जो मूर्ति है उसे भगवान की पत्नी रुकमणीजी ने खुद अपने हाथों से बालू नाम की मिटटी और समुद्र के पानी से बनायीं थी।
लोक वयकाओं के अनुसार इस जगह को एक श्राप मिला हुवा है इस लिए यहाँ पर खेती-बाड़ी नहीं होती।जीवन जरुरी अन्न यहाँ के लोग ओखा या द्वारका से ही लाते है।
इसके बावजूद यहाँ पर यात्रालुओं के लिए भोजन की भी अच्छी व्यस्था है।
बेट द्वारका कैसे पहुंचे ?


यहाँ पहुँचने के लिए आप को द्वारका से ओखा जेटी पहुंचना होगा जो द्वारका से करीब 30 किमी की दूरी पर है और लोकल व्हीकल और सरकारी वाहन यहाँ आने के लिए सहेलाई से मिल जायेगा।यहाँ पर घूमने के लिए पूरा एक दिन लगेगा तो आपको उस तरह की तयारी करके आना होगा।
ओखा जेटी से आपको बेट द्वारका का 5 किमी का सफर सिर्फ बोट से ही करना पड़ेगा जो बेहद ही खूबसूरत होता है।

अगर आप पंछियों को दाना खिलाने के शौखिन हो तो आप यहाँ किनारे से पंछियों के लिए दाना ले सकते हो जो बोटिंग के दरमियान आप पंछियो को खिला सकते हो। उसका भी एक अलग ही मजा होता है।
बेट द्वारका में देखने लायक जगहें...

1. श्री कृष्ण मंदिर..
2. हनुमान दांडी मंदिर..
3. श्री चोर्यासी धुना सिद्धपीठ..
4. डनी पॉइंट..
तो दोस्तों चलो आज हम यहाँ बेट द्वारका मै घुमने वाली जगहों के बारेमे विस्तारपूर्वक बात करते है।
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श्री द्वारकाधीश मंदिर या श्री कृष्ण सुदामा मंदिर ..
यहाँ पर ही श्री कृष्ण की अपने मित्र सुदामा से भेंट हुवी थी इस लिए इस जगह को भेंट द्वारका या बेट द्वारका से भी जाना जाता है। यहाँ मंदिर मै श्री कृष्ण और सुदामाजी की मूर्तियां बिराजित है।
सुदामा जी बहोत ही गरीब थे और अपने मित्र को भेंट में चावल देने के अलावा उनके पास और कुछ नहीं था इस लिए वो भगवान के लिए सिर्फ चावल लाये थे भेंट में देने के लिए। इस लिए यहाँ मंदिर मै ब्राह्मणो को चावल भेंट मै देने की परंपरा आज भी देखि जा सकती है।
5.7 किमी / 15 मिनिट लोकल व्हीकल से..
हनुमान दांडी मंदिर..

कृष्ण के मुख्य मंदिर से करीब 5 किमी की दूरी पर ये मंदिर आया हुवा है। यहाँ पर जाने के लिए लोकल वाहन जैसे रिक्षा,घोडा गाड़ी वगैरा सहेलाई से उपलब्ध है। वैसे यहाँ पैदल चल कर दर्शन करने का भी विशेष महत्व है।
ये बहोत ही शांत जगह है और यहाँ पर भीड़ भी बहुत ही कम होती है।
हनुमानजी के पास वैसे तो गदा ही होती है लेकिन यहाँ पर उनके हाथों में दांडी है इस लिए इस जगह को दांडी वाले हनुमान से जाना जाता है।
पौराणिक महत्व..
ये दुनिया का एक मात्र मंदिर है जहाँ श्री हनुमानजी और उनके पुत्र मकरध्वज की मूर्तियां एक साथ स्थापित है।
वैसे तो हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी थे लेकिन पौराणिक कथाओं के अनुसार जब हनुमानजी सीता माता की खोज करने के लिए लंका गए थे तब उन्होंने अपनी पूंछ से लंका को जला दिया था जिसकी वजह से उनको तीव्र वेदना हो रही थी जिसको संत करने के लिए जब वो यहाँ पहुंचे तब उनके सर से पसीने की एक बूँद पानी में गिरी जिसे एक मगर ने निगल लिया और वो गर्भवती हुई और एक पुत्र अवतरित हुवा।
मगर के पेट से जन्म होने के कारन उनको मकरध्वज के नाम से जाने गए।यहाँ पर हनुमानजी और मकरध्वजजी की स्वयंभू मिली मूर्ति स्थापित है जो कही और जगह पर नहीं है।
प्रवेश : फ्री
दर्शन का उचित समय : सुबह और शाम।
3-4 किमी/10 मिनिट लोकल व्हीकल से..
श्री चोर्यासीधुना सिद्ध पीठ..

चोर्यासी धुना का मतलब 84 साधुओं की समाधी।
ये जगह बेट द्वारका में मुख्य कृष्ण मंदिर से करीब 7 किमी की दूरी पर आयी हुई है। और हनुमान दांडी मंदिर से करीब 3 से 4 किमी की दूरी पर है।
ये सिद्ध पीठ उदासीन संप्रदाय संभालता है जहा उदासीन संप्रदाय के साधु निवास करते है ।
ऐसा भी माना जाता है की यहाँ दर्शन करने वाले व्यक्ति के 84 लाख योनिओ के पाप धूल जाते है। अतः उनको 84 लाख योनिओ में भटकने की जरूरत नहीं पड़ती।
यहाँ पे संतो और यात्रिओं के लिए निवास और भोजन की व्यस्था भी है।
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उदासीन संप्रदाय..

उदासीन का शाब्दिक अर्थ है उत+आसीन = ऊध्र्वॅ पर आसीन।मतलब ब्रह्मा में आसीन। यहाँ पर मोक्ष मार्ग की बात हो रही है।
ये सिद्ध साधुओं का एक संप्रदाय है। इसके संस्थापक गुरु नानक के पुत्र श्री चन्दजी थे। इसकी कुछ शिक्षा सिख पंथ से ली गयी थी।ये लोग सनातन धर्म को मानते है जो जल,अग्नि,वायु,पृथ्वी और आकाश की पूजा करते है।
यहाँ पर एक गुरुद्वारा भी आया हुवा है। सिख इसे पवित्र मानते है अतः सालाना हजारों श्रद्धालु यहाँ दर्शन करने आते है।
3-4 किमी / 10 मिनिट लोकल व्हीकल से..
डनी पॉइंट..

द्वारका से करीब 35 किमी दूर बेट द्वारका के आखरी छोर पर आया हुवा ये एक शांत और सुन्दर बीच है। हनुमानदांडी मंदिर से लगभग १-२ किमी पैदल चल कर ही यहाँ आया जा सकता है।
ये जगह व्यावसायिकता और पॉल्युशन से अछूती है। यहाँ पर बहोत ही सुन्दर बीच है जहां पे कई समुद्री जीवों जैसे प्रवाल,कछुवे और कई लोगों ने डॉल्फिन भी देखि हुवी है।
ये जगह सनसेट के समय एक अलग ही शांत मंजर बनाता है जिसको शब्दों में बयां करना मुश्किल है।
डॉल्फिन देखने मिलती है इस लिए इस पॉइंट को डनी पॉइंट से जाना जाता है।

यह विस्तार बहोत सारे समुद्री जीवो जैसे की शैवाल,जेली फिश,समुद्री पंख, मूंगा,केकड़े,स्टारफिश,कई तरह की मछलियाँ,समुद्री कछुए,समुद्री सांप और कई तरह के समुद्री स्तनधारियों का घर है।
इस ब्लॉग की सारी तस्वीरें में खुद जब वहां ट्रैकिंग में गया था तब की है।
INVISABLE नाम के NGO द्वारा यहाँ पर ट्रैकिंग की बहोत ही अच्छी एक्टिविटी कराइ जाती है जिसकी लिंक मैंने निचे दी है आप उसपर साइट पर जाके आगामी एक्टिविटी के टाइमिंग देख सकते हो।
Treking Organization : Invincible Ngo
द्वारका में देखने लायक सारी जगहों के बारे में मैंने एक अलग से आर्टिकल लिखा हुवा है जिसे आप निचे दी गयी लिंक से पढ़ सकते है।
Read More : द्वारका में देखने लायक जगहें
Bet Dwarka Atmospher - हवामान
कहीं भी घूमने जाने से पहले आप को उस जगह का और आने वाले कुछ दिनों का वातावरण जान लेना अत्यंत आवश्यक है जिससे आप को किन किन चीजों की जरुरत रहेगी उसकी तयारी कर सको।
जिससे आप अपनी यात्रा को ज्यादा सुखद कर सको।
में यहाँ पर आप को इस जगह का लाइव वातावरण जानने के लिए एक लिंक दे रहा हूँ जिससे आप यहाँ का वातावरण जान सकते हो।
Bet Dwarka–यह आर्टिकल मैंने अपने खुद के अनुभव और मेरे दोस्तों के अनुभव से लिखा हुवा है।
अगर आप बेट द्वारका के बारे में और भी ज्यादा जानकारी रखते हो तो यहाँ पर कमेंट बॉक्स में जरूर से शेयर कीजिये जिससे यहाँ पर घूमने आने वाले यात्रिको को बेट द्वारका के बारे में और भी अच्छी जानकारी मिल सके जो हमारा इस आर्टिकल लिखने का मुख्य उदेश्य भी है।
अगर आप को यह आर्टिकल में दी गयी जानकरी उपयोगी लगी हो तो अपने दोस्तों में जरूर से शेयर कीजिये। और मेरी इस वेबसाइट को नोटिफिकेशन बेल दबाके जरूर से सब्सक्राइब कर लीजिये जिससे आगे आने वाले ऐसे और भी कई आर्टिकल का नोटिफिकेशन आप को मिल सके।
अपना कीमती समय इस आर्टिकल को देने के लिए आपका धन्यवाद।
4 Comments
ปั้มไลค์ · July 2, 2020 at 5:19 pm
Like!! I blog quite often and I genuinely thank you for your information. The article has truly peaked my interest.
dharmesh · July 2, 2020 at 5:51 pm
Thank you for your replay. it motivate me to write more informative articles which guide & make beautiful journey to our travel lover friends.. again thanks a lot..
ROI · August 30, 2020 at 5:26 am
This blog was… how do I say it? Relevant!! Finally
I’ve found something which helped me. Many thanks!
dharmesh · August 30, 2020 at 5:37 pm
you will fine more detailed and informative articles.. thanks..