Bhasmarti booking – भस्मआरती कब से शुरू हुई और उसके बुकिंग के बारे में आज हम इस आर्टिकल में विस्तार से जानेंगे।
Mahakaleshwar Jyotirling

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है जो एक मात्र दक्षिणामुखी है जिसके कारण वह अपने आप में एक विशेष महत्व रखता है।
और साल के 12 महीने यहाँ पर भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
तो आइये फ्रेंड्स आज हम इस मंदिर में होने वाली एक विशेष आरती भस्मआरती के बारे में विस्तार से जानते है।
Mahakaleshwar Arti Timings
महाकालेश्वर में आरती के समय क्या है ?
महाकाल मंदिर में बाबा की 5 आरती होती है जिसके समय इस प्रकार है।
दर्शन समय : सुबह 4 Am से रात 11 Pm बजे तक
चैत्र से आश्विन महीनों के दौरान आरती के समय..
प्रथम आरती ( भस्म आरती ) : 4 Am – 6 Am
द्वितीय आरती : 7:00 Am – 7:30 Am
तृतीय आरती (भोग आरती) : 10:00 Am – 10:30 Am
चतुर्थ आरती (सायं आरती ) : 5 Pm – 5:30 Pm
पांचवी आरती (आरती श्री महाकाल) : 7 Pm – 7:30 Pm
शयन आरती : 10:30 Pm – 11 Pm
मंदिर बंद होने का समय : रात को 11 बजे
कार्तिक से फाल्गुन महीनों के दौरान आरती के समय..
प्रथम आरती ( भस्म आरती ) : 4 Am – 6 Am
द्वितीय आरती : 7:30 Am – 8:00 Am
तृतीय आरती (भोग आरती) : 10:30 Am – 11:00 Am
चतुर्थ आरती (सायं आरती ) : 5:30 Pm – 6 Pm
पांचवी आरती (आरती श्री महाकाल) : 7:30 Pm – 8 Pm
शयन आरती : 10:30 Pm – 11 Pm
मंदिर बंद होने का समय : रात को 11 बजे
Mahakaleshwar Bhasmarti Booking
आप भस्म आरती के दर्शन कैसे कर सकते है ?
भस्म आरती के दर्शन पहले से तय लोग ही कर सकते है। मतलब की भस्म आरती के लिए आप को पहले से रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा।
बगैर रजिस्ट्रेशन आप आरती में सम्मिलित नहीं हो सकते।
में निचे ऑफिसियल लिंक दे रहा हूँ आप उस लिंक पर जाके बुकिंग करवा सकते हो।
हालांकी कोरोना महामारी की वजह से सुरक्षा हेतु गवर्नमेंट के आदेश के अनुसार अभी कोई बुकिंग नहीं हो रहे।
भस्मआरती का रजिस्ट्रेशन यहाँ से करवाएं :
इसके आलावा दूसरी कोई वेबसाइट से क्या हम बुकिंग करवा सकते है ?
तो इसका जवाब यह है की मैंने आपको जो लिंक ऊपर दी है वो महाकालेश्वर उज्जैन की ऑफिसियल और एक मात्र वेबसाइट है जहाँ से आप ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हो।
इसके आलावा दूसरी कोई वेब साइट नहीं है जहाँ से आप बुकिंग करवा सकें।
किंतु अगर आप को ऐसी कोई वेबसाइट मिले जो बुकिंग करवाने का दावा करती हो तो वह वेबसाइट फेक हो सकती है।
हम कैसे जानें के कौन सी वेबसाइट फेक है ?
कुछ महीनों पहले महाकाल मंदिर में भस्म आरती की बुकिंग और प्रसाद बेचने के नाम पर ठगाई का एक मामला सामने आया था।
जिसमें महाकाल मंदिर के प्रशासक ने एक फर्जी वेबसाइट पकड़ी,यह साइट महाकाल की भस्मआरती की परमिशन 100 रुपये लेकर दे रही थी वहीं प्रसाद भी फर्जी रूप से बेंच रही थी।
भस्मआरती बुकिंग चाहे वो ऑनलाइन हो या काउंटर पे की गयी हो पूरी तरह से मुफ्त होती है।
मतलब की भस्मआरती की बुकिंग के लिए आप को एक भी रूपया देना नहीं है यह बिलकुल मुफ्त है।
इस लिए अगर कोई वेबसाइट आप से पैसे मांग रही है तो आप बिलकुल पैसे न दीजिये। वह वेबसाइट फेक हो सकती है।
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महाकाल की कुल 5 आरती होती है लेकिन उन सभी आरती में प्रतिदिन 4 बजे होने वाली भस्म आरती सबसे अलौकिक और खास होती है।
जिसमे आप महाकाल के एक अदभुत स्वरुप के दर्शन कर सकते हो।
इसी कारण भस्मआरती में सुबह 4 बजे भी भक्तों की काफी भीड़ होती है।
आइये हम यहाँ महाकाल की भस्म आरती के बारे में विस्तार से जानते है।
भगवान शंकर की यह आरती को भस्म आरती क्यों कहा जाता है ?
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में होने वाली यह आरती में महाकाल बाबा का श्रृंगार शमसान में जलने वाली पहेली चिता की भस्म से किया जाता है।
कई लोग अपनी भस्म से यह आरती हो उसके लिए पहले से बुकिंग भी करवाते है।
भस्म आरती की परंपरा कब से है ?
पौराणिक कथाओं में ऐसा बताया गया है की प्राचीन काल में दूषण नाम का एक राक्षस उज्जैन नगरी के लोगो को बहोत परेशां किया करता था।
उस राक्षस ने पूरी नगरी में हाहाकार मचा रखा था।
जब लोगों द्वारा असहनीय हो गया तब उन्होंने कालों के काल महाकाल की आराधना की।
तब भगवान शिव प्रगट हुए और इस राक्षस का वध करके गांव वालों को असहनीय वेदना से मुक्ति दिलाई।
सब गांव वालों ने भोले शंकर को वंही बस जाने को आग्रह किया।
तब से भगवान शिव महाकाल के रूप में वहीँ पर बस गए।
भगवान शिव ने दूषण का वध करके उसकी भस्म से श्रृंगार किया था।
इस लिए गांव वालों ने शिव के उस रूप को महाकालेश्वर कहा और तब से ही प्रति दिन शिवलिंग की प्रथम आरती भस्म से की जाने लगी।
भस्म आरती में सम्मिलित होने के क्या कोई नियम है ?

हाँ, आरती के कुछ खास नियम है जिसका पालन करना अनिवार्य है।
पुरुषों और स्त्रियों के लिए नियम कुछ इस प्रकार है।
पुरुषों के लिए :
पुरुषों को इस आरती को देखने के लिए सिर्फ धोती पहननी पड़ेगी। धोती साफ़ स्वच्छ और सूती होनी चाहिए।
आप यहाँ पर आरती का मात्र दर्शन कर सकते है किंतु आरती कर नहीं सकते। आरती करने का अधिकार मात्र यहाँ के पुजारियों का ही है।
स्त्रियों के लिए :
महिलाओं के लिए आरती में साड़ी पहनना अनिवार्य है।
और साथ में जब शिवलिंग पर भस्म चढाई जाती है तब महिलाओं को घूँघट करना जरुरी है।
जिसका कारण यह बताया जाता है की उस समय भगवान शिव का स्वरूप निराकार होता है।
जिस रूप का महिलाओं को दर्शन करना वर्जित है।
पूजाविधि के नियमो में कोई बदलाव हुवा है ?
महाकाल मंदिर समिति ने भस्म और पंचामृत से शिवलिंग को बचाने के लिए सुप्रीमकोर्ट में प्रस्ताव दिया था। कोर्ट ने उसे मान्य रखा।
शिवलिंग को नुकसान होने के कुछ कारण जैसे की अधिक भीड़ और अधिक मात्रा में उपयोग की गयी पूजा सामग्री को इसका जिम्मेदार ठहराया गया।
अब नए नियमों के मुताबिक..
- शिवलिंग पर शाम 5 बजे तक ही जलाभिषेक किया जा सकेगा।
- जलाभषेक के लिए RO (रिवर्स ओस्मोसिस वॉटर) का ही उपयोग किया जा सकेगा।
- प्रति व्यक्ति सिर्फ आधा लीटर जल ही शिवलिंग पर चढ़ाया जायेगा। जबकि सवा लीटर पंचामृत चढाने की अनुमति दी गई है।
- आरती के बाद शिवलिंग को सिर्फ सूती कपडे में ही ढाका जा सकेगा।
Conclusion
Bhasmarti Booking – अभी तो वैसे बुकिंग बंद है लेकिन जब आप जाने की सोचो तब भस्मआरती की ऑनलाइन बुकिंग करवाना ही ज्यादा बहेतर रहेगा।
क्यूंकि इस आरती के लिए लिमिटेड जगह ही होती है जो जल्दी भर भी जाती है।
तो अगर आप जाना चाहो तो पहले से ही बुकिंग करवाके जाने की सलाह है।
यह आर्टिकल मैंने अपने खुद के अनुभव और मेरे दोस्तों के अनुभव से लिखा हुवा है।
अगर आप भस्मआरती के बारे में और भी ज्यादा जानकारी रखते हो तो यहाँ पर कमेंट बॉक्स में जरूर से शेयर कीजिये जिससे यहाँ पर घूमने आने वाले यात्रिको को भस्मआरती के बारे में और भी अच्छी जानकारी मिल सके जो हमारा इस आर्टिकल लिखने का मुख्य उदेश्य भी है।
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अपना कीमती समय इस आर्टिकल को देने के लिए आपका धन्यवाद।
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